शिक्षक कैसे बने | टीचर कैसे बने | अध्यापक कैसे बने
आप शिक्षक के रूप में अच्छा करियर बना सकते हैं। एक अच्छा शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद को जलाकर दुनिया को रोशनी देता है। शिक्षक की जिम्मेदारियां अग्निपरीक्षा से कम कठिन नहीं होती हैं। |
अगर आप शिक्षक के रूप में कॅरियर बनाना चाहते है तो
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था शिक्षा सबसे शक्तिशाली अस्त्र है जिसका उपयोग आप समाज को बदलने के लिए कर सकते हैं यही कारण है कि टीचिंग के रूप में प्रोफेशन का उद्देश्य है भविष्य की पीढ़ी के व्यक्तित्व सोच और दर्शन में बदलाव लाकर नए राष्ट्र का निर्माण करना होता है आप एक टीचर के रूप में शानदार कैरियर का निर्माण कर सकते हैं
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शिक्षक के सामान्य गुण – |
शिक्षक के रूप में सफल करियर बनाने के लिए अभ्यर्थी में इन गुणों का होना अनिवार्य होता है –
- सुंदर और रुचिपूर्ण ढंग से संवारा हुआ आकर्षक व्यक्तित्व
- धैर्य, सहानुभूति, दया, क्षमा और सहिष्णुता के गुणों से लबरेज व्यक्तित्व
- सुनने की अपार क्षमता
- निरंतर अध्ययन करते रहने की स्वाभाविक प्रवृत्ति
- दोष रहित कम्युनिकेशन स्किल
- विषय का पूर्ण ज्ञान
- राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से खुद को अपडेट डेट अपडेटेड अपडेटेड रखने का सहज भाव
कैसे करे शुरुआत –
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प्राइमरी स्कूल टीचर |
प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का कार्य बहुत महत्वपूर्ण होता है वह बच्चों के जीवन के शुरुआती दिनों में ही अच्छे गुणों का समावेश करता है –
1.) दो वर्षीय एलीमेंट्री टीचर एजुकेशन
यह 2 वर्ष का फुल टाइम अंडर ग्रैजुएट कोर्स है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इस कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता है।
2.) एलीमेंट्री एजुकेशन में चार वर्षीय बैचलर कोर्स
यह अंडर ग्रैजुएट कोर्स है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
3.) एलीमेंट्री एजुकेशन में 2 वर्षीय डिप्लोमा
प्राइमरी स्कूल में टीचर के रूप में करियर शुरू करने के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन जरूरी है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
सैकेंडरी स्कूल टीचर
सैकेंडरी स्कूल टीचर को ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) कहा जाता है। ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर के रूप में करियर की शुरुआत के लिए संबंधित विषय में ग्रेजुएशन करना पड़ता है। इसके साथ ही 2 वर्ष के बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) की डिग्री भी जरूरी है।
सीनियर सैकेंडरी स्कूल टीचर
सीनियर सैकेंडरी स्कूल टीचर या पोस्ट ग्रैजुएट टीचर (पीजीटी) अपने पोस्ट ग्रेजुएट के लेवल के विषय को 11वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। कैंडिडेट्स के पास उसके टीचिंग सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री और 2 वर्ष की b.Ed की डिग्री भी जरूरी है।
लेक्चरर और प्रोफेसर
यूनिवर्सिटी के टीचर्स को लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर कहते हैं। कॉलेज या यूनिवर्सिटी में टीचर के पोस्ट्स में असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर होते हैं जो टीचिंग एक्सपीरियंस पर आधारित होते हैं।लेक्चरर बनने के लिए कैंडिडेट का टीचिंग सब्जेक्ट में पोस्टग्रेजुएट होना जरूरी है।
प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो –
लेक्चरर या व्याख्याता बनने के लिए अभ्यर्थी को अपनी पसंद के अनुसार इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना पड़ता है –
यूजीसी नेट परीक्षा |
इस परीक्षा के लिए 55% अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री जरूरी है। यह परीक्षा वर्ष में दो बार होती हैं। यूजीसी नेट क्वालीफाई करने के बाद कैंडिडेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में लेक्चरर (व्याख्याता) के पद पर आवेदन करने के योग्य हो जाता है।
गेट |
इसे ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग कहते हैं।इस परीक्षा में प्राप्त रैंक के आधार पर पीएचडी के साथ-साथ आइआइटी और एनआइटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन किया जा सकता है।
स्लेट |
इसे स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट कहते हैं। इस परीक्षा में सफल होने के बाद स्टेट लेवल के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लेक्चरर (व्याख्याता) के लिए आवेदन किया जा सकता है।
सीटेट |
बीएड (B.Ed) करने के बादउम्मीदवार सीटेट (सेंट्रल टीचरएलिजिबिलिटी टेस्ट) की परीक्षाओंमें भाग लेसकता है औरकेंद्र सरकार के विद्यालयोंजैसे जवाहर नवोदयविद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों में टीचर्स के लिएआवेदन कर सकताहै।
एसटेट |
बीएड (B.Ed) करने के बाद स्टेट लेवल की एसटेट परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इसमें सफल होने के बाद राज्य सरकारों के विद्यालयों में अध्यापक पद के लिए आवेदन किया जा सकता है।
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